Tuesday, January 17, 2012

मृत लोकतंत्र

मृत लोकतंत्र (मेरी कविताएँ )
by Saket Mishra on Tuesday, March 1, 2011 at 12:09am

मृत लोकतंत्र



लोकतंत्र को भ्रष्ट बनाने निकली है सरकार,

हे भारत माता ये तेरी कैसी जय-जयकार ?



महगाई ने तन को तोडा , जनमानस के मन को तोडा ,

जीवित रहना मुश्किल हो गया , जीने के रस्ते को मोड़ा ,

लंगड़े हुए कृषक व्यापारी , व्यर्थ लगे खेती -व्यापार!

हे भारत माता ये तेरी कैसी जय-जयकार ?



जनता का ये कैसा जनमत , जनमत से सब कैसे सहमत ,

बस सोये न कोई भूखा हे ! ईश्वर अब तेरी रहमत ,

बच जाते सब भ्रष्टाचारी , बढता जा रहा भ्रष्टाचार,

हे भारत माता ये तेरी कैसी जय-जयकार ?



शर्म नहीं आती है इनको , इनका एक ठिकाना है ,

तिरंगे का अपमान सही बस इनको वोट ही पाना है ,

लाल -चौक पर आतंकियों का सपना करते ये साकार ,

हे भारत माता ये तेरी कैसी जय-जयकार ?

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