Tuesday, January 17, 2012

बात कल की थी, आज पुरानी हो गयी..

Date: 6th January 2012
बात कल की थी, आज पुरानी हो गयी..,



जमीं की मिट्टी ने बताया सच पुराना, खेल खेले थे तुमने वो छुपना-छिपाना.

कभी गिरते थे तो कभी उठते थे, पर अब सारी चोट पुरानी हो गयी.....

बात कल की थी, आज पुरानी हो गयी....,



बरगद की डालियाँ भी कहती है, तुमने यहाँ डाले थे झूले.

पर अब तो बरगद भी झुक गया, वो डाली पुरानी हो गयी,

बात कल की थी, आज पुरानी हो गयी..,



"बाबा" कहता था कोई तो डर जाता था मैं, जाके माँ के आँचल में छुप जाता था मैं.

अब डर भी है, माँ भी है, पर वो बातें पुरानी हो गयी,

बात कल की थी, आज पुरानी हो गयी.....



छोटी सी साइकिल थी, कम थे खिलौने, पर खुश रहता था, न थे कोई रोने.

पर हम भी बड़े हुए, और साईकिल भी सायानी हो गयी,

बात कल की थी , आज पुरानी हो गयी......

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